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Friday, December 27, 2024

सावन कृपाल रूहानी मिशन की अगुवाई में शुरू हुआ 27वां विश्व आध्यात्मिक महाकुंभ

नई दिल्ली/ अदिति सिंह। सावन कृपाल रूहानी मिशन (Sawan Kripal Spiritual Mission) की अगुवाई में राजधानी के कृपालु बाग में 27वां विश्व आध्यात्मिक सम्मेलन की शुरुआत हुई। इसका शुभारंभ मिशन के प्रमुख संत राजिन्दर सिंह (Sant Rajinder Singh) ने किया। पिछले तीन दशकों से सभी धर्मों के नेताओं को एक मंच पर बिठाने वाला यह विश्व आध्यात्मिक सम्मेलन शांति, आध्यात्मिकता और मानव एकता का प्रतीक है। इस मौके पर संत राजिंदर सिंह ने सभी को सच्चाई और आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
संत राजिन्दर सिंह ने संत दर्शन सिंह जी महाराज के 102वें जन्मोत्सव के अवसर पर उनके उदाहरण स्वरूप जीवन और उनकी शिक्षाओं के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही कहा कि संत दर्शन सिंह जी महाराज विनम्रता और प्रभु-प्रेम के सच्चे सागर थे।

-सच्चाई और आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने से होगा प्रभु दर्शन : राजिंदर सिंह
-दिल्ली में शुरू हुआ 27वां विश्व आध्यात्मिक सम्मेलन, दुनियाभर से धर्माचार्य पहुंचे

उन्होंने हमें आध्यात्मिकता का मार्ग दिखाया और जीवन के वास्तविक उद्देश्य को समझने में हमारी मदद की। वे निःस्वार्थ सेवा और विनम्रता के प्रतीक थे और सभी धर्मों व सामाजिक स्तर के लोगों के प्रति उनके अंदर गहरा प्रेम था। इस मौके पर विभिन्न देशों से 100 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों और भारत के विभिन्न हिस्सों से लगभग 50,000 लोगों ने सम्मेलन में भाग लिया।
उन्होंने आगे कहा कि, संत दर्शन सिंह ने हर इंसान में पिता-परमेश्वर की ज्योति को देखा और सभी को खुले दिल से गले लगाया क्यांकि हम सभी आत्माएं हैं और पिता-परमेश्वर का अंश हैं।

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संत दर्शन सिंह जी महाराज चाहते थे कि हम जीवन के इस सच्चाई को समझें। यदि हम विनम्रता, दिव्य-प्रेम और एकता के उनके संदेश को अपने अंदर ढालते हैं तो हम निश्चित रूप से अपने जीवन के मुख्य उद्देश्य अपने आपको जानना और पिता-परमेश्वर को पाना को जरूर पूरा करेंगे।
कार्यक्रम की शुरूआत में माता रीटा ने विदेशी भाई-बहनों के साथ मिलकर गुरु नानक देव जी महाराज की बाणी से ‘सत्गुरु होय दयाल तां सरधा पूरिये’ शब्द का गायन किया।

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इस अवसर पर सावन कृपाल रूहानी मिशन द्वारा 37वें मुफ्त आंखों की जांच और मोतियाबिन्द ऑपरेशन शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें कुल 2025 लोगों की आंखों की जांच की गई। इनमें से 981 लोगों को मोतियाबिन्द ऑपरेशन के लिए चुना गया। शिविर में अमेरिका से आए आंखों के डॉक्टर्स ने आई केयर हॉस्टिपल नोएडा के डॉक्टर्स के साथ मिलकर सभी मरीजों की आंखों की जांच की।
इस मौके पर भैनी साहिब से आए जत्थेदार निशान सिंह ने संत दर्शन सिंह के प्रभु समान व्यक्तित्व के बारे में कहा कि यदि कोई आध्यात्मिकता और जीवन का सही अर्थ सीखना चाहता है तो उन्हें संत राजिन्दर सिंह जी महाराज की आध्यात्मिक यूनिवर्सिटी में दाखिला लेना चाहिए।

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ईश्वर एक है और वह हम सबके अंदर रहते हैं। केवल एक सच्चा आध्यात्मिक गुरु ही हमें अंदर की प्रभु-सत्ता से जुड़ने में हमारी मदद कर सकता है।
फतेहपुरी मस्जिद, दिल्ली के इमाम डॉ0 मौलवी मुफती मौहम्मद मुकर्रम अहमद ने कहा कि सभी संत हमें ईश्वर और अध्यात्म का विश्व-व्यापी संदेश देते हैं। अध्यात्म का मार्ग प्रेम और शांति का मार्ग है और यह संदेश पैगंबर मौहम्मद और गुरु नानक देव जी महाराज जैसे महापुरुषों ने समान रूप से सारी मानवजाति को दिया है। उन्होंने कहा कि विनम्रता सबसे बड़ा गुण है जोकि हम सबको आपस में जोड़ता है। इसीलिए हम सभी को अच्छे और बुरे दोनों समय में अपना जीवन ईश्वर को याद करने में बिताना चाहिए।
इलाहाबाद से आए जगत गुरु विश्वकर्मा शंकराचार्य दिलीप योगराज ने संत दर्शन सिंह जी महाराज की कृपा के बारे में बताते हुए कहा कि हमें अपने आध्यात्मिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उनके द्वारा बताए गए जीवन के सच्चे मूल्यों को अपने जीवन में ग्रहण करना चाहिए।
फादर बेंटो रोड्रिग्ज़ ने कहा कि विनम्रता मानवता का सच्चा सार है और यह हमें अच्छाई और आनंद के जीवन की ओर ले जाती है। इसके अलावा ऋषिकेश से आए महंत रवि प्रपन्नाचार्य ने आध्यात्मिकता के मार्ग के प्रमुख सिद्धांतों जैसे निःस्वार्थ सेवा और भक्ति के बारे में समझाया।
संयुक्त राज्य अमेरिका की अंतर्राष्ट्रीय वक्ता इसाबेल वुल्फ ने कहा कि कैसे संत दर्शन सिंह जी महाराज एक ‘गर्म सूरज’ की तरह थे, जिन्होंने अपनी चमक और शिक्षाओं को लाखों लोगों तक पहुंचाने के साथ-साथ सूखी आत्माओं को प्यार और सांत्वना दी और उन्हें मोक्ष के मार्ग पर चलना सिखाया।

‘मंजिले-नूर’ के पंजाबी संस्करण का विमोचन

इस मौके पर संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने संत दर्शन सिंह की पुस्तक ‘मंजिले-नूर’ के पंजाबी संस्करण का विमोचन किया, इसके अलावा उन्होंने संत दर्शन सिंह के 100 ऑडियो सत्संगों की एक पेन ड्राईव का भी विमोचन किया। इसके अलावा आध्यात्मिक ‘तरही मुशायरे’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज नगर नई दिल्ली स्थित शांति अवेदना सदन, गौतम नगर स्थित श्रीमद वेदार्ष महाविद्यालय न्यास, ग्रेटर नौएडा में स्थित फादर एगेनल बाल भवन और सादिक नगर में बने जनता आदर्श अंधविद्यालय में मिशन की ओर से दवाईयाँ, सब्जियां, फल व अन्य उपयोगी उपकरणों का मुफ्त वितरण किया गया।

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