कामसूत्र संभोग और जीवनशैली की संपूर्ण गाइड है। इसमें बताया गया है कि कैसे हम अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बना सकते हैं। और कैसे एक बेहतर सेक्स लाइफ का असर पूरे जीवन पर पड़ता है। सेक्स जीवन का अहम हिस्सा है, कामसूत्र में इसी बात पर चर्चा की गयी है।
कामसूत्र में सेक्स के लिए कुल 64 आसन बताए गए हैं। इन 64 आसनों के जरिए सेक्स का भरपूर आनंद उठाया जा सकता है। इन आसनों में बताया गया है कि कैसे न केवल स्वयं को अपितु अपने साथी को सेक्स के चरमसुख तक पहुंचाया जाए। कामसूत्र सेक्स की स्वीकार्यता और उपयोगिता पर गहनता से प्रकाश डालता है।
कामसूत्र के इन 64 आसनों में कुछ आसन ऐसे हैं जिनका इस्तेमाल कर लंबे समय तक रतिक्रिया का आनंद उठाया जा सकता है। और साथ ही अपने चरम पर पहुंचने के समय को भी टाला जा सकता है। इन संभोग आसनों का प्रयोग कर व्यक्ति स्खलन के समय को लंबे समय तक रोक सकता है, और इसके लिए उसे अपने सुख तथा संवेदना का त्याग नहीं करना पड़ेगा।
आइए जानते हैं ऐसे कामसूत्र के ऐसे चार आसनों के बारे में जिनके जरिए आप बिना किसी परेशानी के लंबे समय तक सेक्स का आनंद उठा सकते हैं।
गोट एंड ट्री (बकरी और पेड़)
कामसूत्र की यह पोजीशन (आसन) में संभोग का आनंद कुर्सी पर उठाया जाता है। इसमें पुरुष एक आराम कुर्सी पर बैठता है और अपनी कमर पीछे टिका लेता है। इसके बाद स्त्री उसकी जांघों पर बैठती है। और धीरे-धीरे दोनों रति्क्रिया में लिप्त हो जाते हैं।
मेड्ररिन डक्स
इस पोजीशन को 'साइड बाय साइड' पोजीशन भी कहा जाता है। इसमें स्त्री एक करवट लेटती है और पुरुष उसके पीछे और दोनों इसी पोजीशन में सेक्स करते हैं। इस पोजीशन में दोनों लंबे समय तक रतिक्रीड़ा का आनंद उठा सकते हैं। और तो और इसके जरिए प्रेम और अंतरंगता भी बढ़ती है। यह प्रेम तथा भावनात्मक लगाव दोनों के शारीरिक संबंधों को और भी आनंदमय बना देता है।
कर्क आलिंग्न (द क्रेब एम्ब्रेस)
यह पोजीशन मेड्ररिन डक के ही समान है। जैसा कि मेड्ररिन डक में होता है, इसमें भी काफी कुछ उसी तरह प्रेमालाप किया जाता है। इस पोजीशन में दोनों करवट में नहीं लेटते। इसमें पुरुष महिला के ऊपर लेटता है और दोनों इसी पोजीशन में संभोग का आनंद लेते हैं। आमतौर पर सेक्स के लिए यह पोजीशन सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाती है।
कामसूत्र बताता है कि किस प्रकार आप कुछ विशेष बातों और सलीकों का ध्यान रख अपने सम्भोग को अधिक रोमांचक, आकर्षक, और कभी न भूलने वाला अनुभव बना सकते हैं।
ओशो संभोग से समाधि की बात करते हैं। और कामसूत्र भी कहता है कि जब आप संभोग के चरम पर होते हैं तो उस समय बिल्कुल निर्विचार होते हैं समाधि में भी तो यही स्थिति होती है। कामसूत्र संभोग को उसके चरम आनंद तक भोगने का मार्ग सुझाता है।
'द कामसूत्र वे'
सम्भोग से पूर्व पुरुष अपने शयन कक्ष को फूलों और इत्र आदि से सजा कर अपनी साथी को आश्चर्यजनक अनुभव करा सकता है। महिला साथी को भी स्नान कर अच्छी तरह सज-धज कर पुरुष साथी के सामने आना चाहिए। पुरुष को चाहिए कि वह अपनी साथी के सामने पसंदीदा पेय और नाश्ते कि पेशकश करे। पुरुष को चाहिए कि वह अपनी साथी को विनम्रता के साथ अपने दाएं बैठाएं और धीरे से उसके बालों को सहलाएं।
सम्भोग से पहले अपने सभी संकोच और शर्म दरकिनार कर दें। अपने साथी को भी अच्छा महसूस करने में सहायता करें। फिर अपनी साथी कि पोशाक को आहिस्ता से खोलें और अपने सीधे हाथ से पकड़ते हुए गले से लगायें। अब किसी हलके-फुल्के सामान्य विषय पर चर्चा करना शुरू करें। ध्यान रहे कि चर्चा के लिए कोई गंभीर विषय का चुनाव न करें। यह भी ध्यान रखें कि वार्तालाप में आपके साथी की भी बराबर भागीदारी बनी रहे। अच्छा होगा यदि आप कोई धीमा सामान्य संगीत का कोई गीत हल्के स्वर में चला दें। यह आप दोनों के मिजाज को और प्यारभरा बनाएगा। थोडा बहुत कुछ खाते-पीते भी रहें। कुछ ही समय में आपकी साथी प्यार और उत्साह से भर जाएगी।
जब आपको लगे कि आप और आपका साथी दोनों पूरी तरह तैयार है तो फिर कामसूत्र द्वारा निर्देशित सम्भोग क्रियाओं व आसनों का प्रारंभ करें। आप इस दौरान पान का सेवन भी कर सकते हैं। पान का सेवन सम्भोग तथा सम्भोग से पूर्व की क्रिया(फोरप्ले) को अच्छा बनाने में योगदान करता है। आप कोई मसाज का कोई तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे चन्दन इत्यादि।
कामसूत्र है सही तरीका
कामसूत्र के अनुसार प्रेम तथा रति क्रिया करने का यह एक आदर्श तरीका है। कामसूत्र मे यह भी अच्छे से बताया गया है कि अपनी रति क्रिया को उचित ढंग से कैसे समाप्त किया जाए। क्रिया समाप्ति के बाद आप दोनों एक दूसरे के साथ सामान्य रहें और बिना एक दूसरे को देखे प्रसाधन जाएं।
यह सब समाप्त कर आप अपने घर की छत पर या बगीचे में जा कर बैठ सकते हैं। रात की फैली मनभावक चांदनी का आनंद लें और वार्तालाप को सौहार्दपूर्ण ढंग से जारी रखें। ऐसे में यदि आपकी साथी आपकी गोद में सिर रख कर लेती हो तो सोने पैर सुहागा वाली बात होती है। आप उसकी आंखों में आंखे डाल कर खूबसूरत चांद तारों की बात कर सकते हैं। इस प्रकार आपके मिलन का एक आदर्श समापन होगा।
यह लाजमी है कि अलग-अलग लोगों कि पसंद और कार्यप्रणाली भिन्न-भिन्न हो तो आप अपनी सुविधा और विवेक अनुसार बात कर सकतें है।
सिडनी।। एक नए शोध के मुताबिक काली चाय में प्रचुरता से पाया जाने वाला एक प्रकार का फलेवनॉयड, क्व र्सटीन, धमनियों को ऑक्सीकरण से होने वाले नुकसान से बचाता है और हृदयवाहिका से सम्बंधित रोगों की सम्भावना घटाता है।
फ्लेवनॉयड पौधों में पाए जाने वाले साधारण वर्णक यौगिक होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट के तौर पर काम करता है, विटामिन सी के असर को बढ़ाता है और रक्तवाहिकाओं के आसपास संयोजी ऊतकों की रक्षा करता है।
युनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न आस्ट्रेलिया के स्कूल ऑफ मेडिसिन के रिसर्च फेलो नेतेली वार्ड और फार्मेकोलॉजी के प्रोफेसोरियल फेला, केविन क्रॉफ्ट ने चूहों पर किए गए एक प्रयोग के आधार पर कहा, हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि क्व र्सटीन, वाहिकाओं को ऑक्सीडेंट से होने वाले नुकसान से बचाने में सक्षम है।
शोध पत्रिका बायोकेमिकल फॉर्मेकोलॉजी के मुताबिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि इस बात के प्रमाण हैं कि खाद्य फ्लेवनॉयड्स उच्च रक्तचाप को कम कर सकता है और अथेरोस्क्लेरोसिस के विकास को कम कर सकता है।
विश्वविद्यालय के बयान के मुताबिक वार्ड और क्रॉफ्ट ने कहा, भविष्य में हृदय रक्तवाहिकाओं पर फ्लेवनॉयड के असर से सम्बंधित अध्ययनों में अलग-अलग तरह के फ्लेवनॉयड और फ्लेवनॉयड के खाद्य स्रोतों के उपयोग पर विचार किया जाना चाहिए।