नई दिल्ली : भोजन में हरी मटर का यदि आप इस्तेमाल करते हैं तो आपको इसके कई फायदे हो सकते हैं। सर्दी के मौसम में हरी मटर की उपलब्धता आसानी से हो जाती है। हरी मटर सेमटर पनीर, मटर पुलाव, आलू मटर, मटर के कटलेट्स और न जाने ऐसी कितनी ही मुंह में पानी लाने वाली चीज़ें बनती हैं। लो कैलोरी और ढेर सारे पोषक तत्वों वाली इस सब्ज़ी को खाने से कई सारे लाभ होते हैं।
वज़न घटाने के लिए सबसे अच्छी चीज़ें वो रहती हैं जिनमें कैलोरी कम होती है लेकिन पोषक तत्व ढेर सारे होते हैं। और मटर ये शर्त पूरी करती है, इसलिए वज़न घटा रहे लोगों को इसे ज़रूर खाना चाहिए। 1 कप मटर में 118 कैलोरी होती हैं।
मटर में नियासिन होता है जो बैड कॉलेस्ट्रॉल को कम करता है, जो कि दिल की बीमारियों की बड़ी वजह है। इसके अलावा, मटर में काफी ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो आपके ब्लड वेसल और आर्टरीज़ को ब्लॉक होने से रोकते हैं। मटर का सूप पीने से ब्लड प्रेशर कम किया जा सकता है।
जब आपको कब्ज़ की समस्या हो तो याद रखें कि आपको ऐसी चीज़ें खानी चाहिए जिनमें फाइबर अधिक हो, इससे बोवेल मूवमेंट्स साफ रहते हैं। मटर में अधिक मात्रा में फाइबर होता है, इसलिए ये आपको इस समस्या में फायदा पहुंचा सकती है।
नई दिल्ली: दुनिया में कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें सबसे ज्यादा लोगों की मौत होती है। कैंसर खतरनाक बीमारी है। यह शरीर की कोशिकाओं में तेजी से फैलने वाला रोग है। क्षतिग्रस्त कोशिकाओं के ऊतकों तक फैलने पर कैंसर जानलेवा भी साबित हो सकता है।
आप इन सुझावों को अपनाकर कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं-
-सर्वे से यह पता चला है कि कसरत करने से कैंसर से बचा जा सकता है जिसमें ब्रेस्ट कैंसर प्रमुख है।
-ज्यादा वजन से कैंसर होने का खतरा बना रहता है। इसलिए वजन को नियंत्रित रखने की कोशिश करनी चाहिए। ज्यादा वजन होने से प्रोस्टेट,पैंक्रियाज, यूट्रेस,ओवरी कैंसर का खतरा रहता है। बुजुर्ग महिलाओं में ज्यादा वजन होने से ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा रहता है।
- कुछ कार्यों पर ध्यान रखें कि वह ज्यादा नहीं होने पाए, मसलन बैठना, नीचे झुकना और टीवी देखना।
-तंबाकू पदार्थ का इस्तेमाल हर्गिज नहीं करे।
-सेहतमंद खाना खाएं और जंक फूड से बचे।
-धूप की तीखी किरणों से बचें क्योंकि सूरज की अल्ट्रा-वॉयलेट (UV) किरणों से त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
-ज्यादा शराब पीने से मुंह और गले का कैंसर होने का खतरा रहता है।
-त्वचा में किसी भी तरह के बदलाव होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यह कैंसर का भी लक्षण हो सकता है।
जिनेवा : दुनिया भर में ऑपरेशन के जरिए प्रसव के चलन पर चिंता जताते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सलाह दी है कि यह प्रक्रिया तभी अपनाई जाए जब मेडिकल तौर पर जरूरी हो। डब्ल्यूएचओ ने साफ किया कि ऑपरेशन के जरिए होने वाले प्रसव का मां और बच्चे पर नुकसानदेह असर होता है।
डब्ल्यूएचओ में रिप्रोडक्टिव हेल्थ एंड रिसर्च की डायरेक्टर मेर्लिन टिमरमैन ने कहा, ‘कई विकासशील एवं विकसित देशों में ऑपरेशन के जरिए प्रसव की महामारी देखी जा रहे है और हम देखते हैं कि ऐसे मामलों में भी ऑपरेशन कर दिए जाते हैं जहां इसकी जरूरत नहीं होती। यह प्रसव का एक सुरक्षित तरीका तो है लेकिन फिर भी यह ऑपरेशन ही है जिसका नकारात्मक और नुकसानदेह असर मां और बच्चे पर हो सकता है।’
मेर्लिन ने कल कहा, ‘इसके नकारात्मक परिणाम भी होते हैं। रक्त-स्राव और अन्य जटिलताओं का जोखिम बहुत ज्यादा रहता है। यहां तक कि विकासशील देशों में भी यदि हम प्रसव के दौरान मां के दम तोड़ने के मामलों को देखें तो इसका एक कारण ऑपरेशन भी है।’ ब्राजील, साइप्रस और जॉर्जिया जैसे कुछ मध्यम आय वाले देशों में ऑपरेशन के जरिए होने वाले प्रसव 50 फीसदी से ज्यादा हैं।
नई दिल्ली : सगर्मियों में बरते खास सावधानियां, बीमारियों से करें बचावर्दियों की तरह गर्मियां भी मौसमी बीमारियों के साथ आती हैं। गर्मी में होने वाली गर्मी से थकावट, लू लगना, पानी की कमी, फूड पॉयजनिंग आम बीमारियां हैं। अगर हम कुछ सावधानियां बरतें तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के महासचिव डॉ केके अग्रवाल ने कहा कि हीट एग्जाशन गर्मी की एक साधारण बीमारी है जिसके दौरान शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस तक होता है। चक्कर आना, अत्यधिक प्यास लगना, कमजोरी, सिर दर्द और बेचैनी इसके मुख्य लक्षण हैं। इसका इलाज तुरंत ठंडक देना और पानी पीकर पानी की कमी दूर करना है। अगर हीट एग्जॉशन का इलाज तुरंत न किया जाए तो हीट-स्ट्रोक हो सकता है, जो कि जानलेवा भी साबित हो सकता है।
हीट-स्ट्रोक में शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है, जो कि अंदरुनी अंगों की कार्यप्रणाली को नष्ट कर सकता है। हीट-स्ट्रोक के मरीजों को शरीर का तापमान बहुत ज्यादा होता है, त्वचा सूखी और गर्म होती है, शरीर में पानी की कमी, कन्फयूजन, तेज या कमजोर नब्ज, छोटी-धीमी सांस, बेहोशी तक आ जाने की नौबत आ जाती है। हीट-स्ट्रोक से बचने के लिए दिन के सबसे ज्यादा गर्मी वाले समय में घर से बाहर मत निकलें। अत्यधिक मात्रा में पानी और जूस पीएं, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो। ढीले-ढाले और हल्के रंग के कपड़े पहने।
फूड पॉयजनिंग गर्मियों में आम तौर पर हो जाती है। गर्मियों में अगर खाना साफ-सुथरे माहौल में न बनाया जाए तो उसके दूषित होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही पीने का पानी भी दूषित हो सकता है। अत्यधिक तापमान की वजह से खाने में बैक्टीरीया बहुत तेजी से पनपते हैं, जिससे फूड पॉयजनिंग हो जाती है। सड़क किनारे बिकने वाले खाने-पीने के सामान भी फूड पॉयजनिंग के कारण बन सकते हैं। फूड पॉयजनिंग से बचने के लिए बाहर जाते वक्त हमेशा अपना पीने का पानी घर से ले के चलें। बाहर खुले में बिक रहे कटे हुए फल खाने से परहेज करें। गर्मी में शरीर में पानी की कमी से बचने के और शरीर में पानी की मात्रा को पर्याप्त बनाए रखने के लिए अत्यधिक मा़त्रा में तरल पदार्थ पिएं। खास तौर खेल-कूद की गतिविधियों के दौरान इस बात का ध्यान रखें। प्यास लगने का इंतजार न करें। हमेशा घर में बना हुआ नींबू पानी और ओआरएस का घोल आस-पास ही रखें। एल्कोहल और कैफीन युक्त पेय पदार्थों का परहेज करें, इनके सेवन से भी शरीर में पानी की कमी होती है।
तेज अल्ट्रा वायलेट किरणों और धूप से बचने के लिए धूप के चश्मे और हैट का प्रयोग करना भी काफी लाभप्रद साबित हो सकता है।
जयपुर : स्वामी विवेकानंद योग रिसर्च फाउण्डेशन के अध्यक्ष डा. एच आर नागेन्द्र ने दावा किया कि मधुमेह, अस्थमा, मोटापा, मानसिक तनाव और उच्च रक्तचाप के लिए योग श्रेष्ठ उपाय है।
महात्मा गांधी अस्पताल और मेडिकल कालेज में आयोजित व्याख्यानमाला और संवाददाताओं से बातचीत में डा. नागेन्द्र ने कहा कि प्रतिदिन एक घंटे सही तरीके से योग करने से इन बीमारियों से सौ प्रतिशत निजात मिल सकती है और आधुनिक दवाइयों से मुक्ति पाई जा सकती है।
उन्होंने बताया कि आधुनिक दवाइयों का इन बीमारियों पर असर बहुत कम है और यदि सही तरीके से योग का अभ्यास किया जाये तो इन बीमारियों से निजात पाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि आगामी 21 जून को विश्व योग दिवस के अवसर पर स्वमाी विवेकानंद योग रिसर्च फाउण्डेशन एक हजार योग शिविर देश भर में 21 से 27 जून तक आयोजित करेगा।
अमेरिका के नासा में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में उच्च शोध पूरा कर चुके डा. नागेन्द्र ने अपना सम्पूर्ण जीवन योग को समर्पित कर दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल उनसे अस्थमा और सांस लेने की बीमारी के बारे में नहीं मिले, केजरीवाल प्राकृतिक इलाज के लिए बेंगलुरु गए थे।
नागेन्द्र ने कहा, ‘मैंने मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे से मुलाकात कर योग के बारे में विचार विमर्श किया था।’ योगगुरु बाबा रामदेव के मिशन के बारे में उन्होंने कहा कि उनका दिल बहुत बडा है और वह योग को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाने वाले है। राजस्थान के विद्यालयों में भाजपा सरकार द्वारा सूर्य नमस्कार शुरु करने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि योग अच्छा है।
महात्मा गांधी अस्पताल और मेडिकल कालेज के संस्थापक डा. एम एल स्वर्णकार ने कहा कि महात्मा गांधी मेडिकल विवि प्राथमिकता से आधुनिक मेडिसिन के साथ योग का डिप्लोमा भी शुरु करेगी।